1 Part
185 times read
10 Liked
बांटकर हिस्सों में रक्खा है, अंधेरों में क्या पाया तुमने सोचकर देखना जरा, टूटना भला, क्यों गँवाया तुमने तू ही सबकुछ तो नहीं, क्यों खुदी कर जमाया तुमने 'बेखुदी' कर जरा, ...